Hyderabad Apsara Murder Case: पुजारी साई कृष्णा को अपनी प्रेमिका अप्सरा की हत्या के आरोप में हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि हत्या के बाद उसने अप्सरा के शव को मंदिर के पीछे ही छिपा दिया था। पुलिस से 14 दिन की रिमांड मिलने के बाद जब पुलिस ने श्रीकृष्ण और उनके मोबाइल की तलाशी ली तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
शव को मैनहोल में फेंक दिया
पुलिस को शक है कि अप्सरा के शव को मैनहोल में फेंकने के बाद साईं कृष्णा ने उस पर नमक भी छिड़का था ताकि उसका शरीर जल्दी से सड़ जाए। साई कृष्णा को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। उस पर अपनी प्रेमिका अप्सरा की हत्या करने और उसके शव को मंदिर के पीछे एक मैनहोल में छुपाने का आरोप था।
अपने ही जाल में फँस गया
दरअसल ये घटना भी तब सामने आई जब साईं कृष्णा ने खुद अप्सरा की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में लिखवा दी. पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में साईं कृष्णा ने दावा किया था कि अप्सरा को भद्राचलम जाना था इसलिए उसने खुद के अप्सरा को शमशाबाद बस स्टॉप पर छोड़ा था। साई कृष्णा ने दावा किया कि 3 मई को जाने के बाद अप्सरा फोन पर कॉल का जवाब नहीं दे रही थी। इसलिए चिंता है कि कहां है, किस हाल में है और फोन क्यों नहीं उठा रही है।
गूगल पर सर्च किया
साईं कृष्णा ने गूगल पर ‘How to Kill a Human Being’ सर्च किया था। ये तरीके कई दिनों तक गूगल पर सर्च किए गए। पुलिस की जांच में यह साफ हो गया है कि अपनी प्रेमिका अप्सरा की हत्या करने से पहले साईं कृष्णा ने सबसे पहले उन तरीकों का पता लगाया था जिससे वह हत्या के बाद शव को छुपा सके और खुद भी कानून की नजरों से बच सके।
पुलिस की नजर में शक
फिर तमाम सीसीटीवी की टेक्निकल सर्विलांस और फुटेज देखने के बाद साईकृष्णा खुद पुलिस की नजर में संदिग्ध बन गए. उसके बाद जब पुलिस ने बार-बार साईं कृष्णा से सवाल किए तो उनके जवाब बदलने लगे. पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए उससे पूछताछ की तो वह टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया।
तीन माह पहले रची गई थी साजिश
पुलिस के मुताबिक साईं कृष्णा पहले से शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं। लेकिन फिर भी अप्सरा के साथ अवैध संबंध स्थापित कर लिया। पुलिस द्वारा साईं कृष्णा का रिमांड लेने के लिए कोर्ट के सामने रखे गए तथ्यों में कहा गया है कि आरोपी अय्यागरी वेंकट सूर्य साईं कृष्णा ने मार्च में ही अप्सरा को मारने की तैयारी कर ली थी।
रेकी की और कई जगह सर्च किया
इसके बाद उसने गूगल में सर्च करना शुरू किया कि कैसे किसी व्यक्ति की हत्या की जाए और फिर उसके शव को कैसे छुपाया जाए ताकि हत्यारे और शव दोनों का पता न चल सके। पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि वह घंटों इसी तरह की चीजें गूगल पर सर्च करता था। इसके बाद उन्होंने सोचा कि अगर शव को शहर से बाहर रखा गया तो किसी को भनक नहीं लगेगी।
इसके बाद उसने जगह का पता लगाने के लिए कई दिनों तक शहर के बाहरी इलाके की रेकी भी की। तभी उन्हें शमशाबाद मंडल में एक गौशाला दिखाई दी, जिसके आसपास काफी जगह खाली पड़ी थी। फिर उसे उसी स्थान पर लाकर मारने की योजना तैयार की। और 3 तारीख को अप्सरा को कोयंबटूर ले आए।
कार में ही मारा गया
पड़ताल में सामने आया है कि अप्सरा रोजाना नींद की गोलियां लेती थी। हत्या के दिन भी वह नींद की गोलियां खाकर कार में ही सो गई थी। तब साईं कृष्ण ने मौका पाकर 4 जून की सुबह करीब साढ़े तीन बजे पत्थरों से कुचलकर उसकी हत्या कर दी।
जब उन्हें पूरा यकीन हो गया कि अप्सरा मर चुकी है, तब उन्होंने उनके सारे कपड़े और उनका सारा सामान वहीं जला दिया। इसके बाद उन्होंने अप्सरा का अंतिम संस्कार करना चाहा, लेकिन घंटों लकड़ी के लिए भटकने के बाद जब वह नहीं मिली तो उन्होंने शव को गाड़ी की डिक्की में रख दिया और अपने घर श्रीनगर पहुंच गए।
रास्ते में उसने अप्सरा के जूते और कार का कवर झाड़ियों में फेंक दिया। इसके बाद 5 जून की रात जब सभी लोग मंदिर से निकले तो रात करीब 9 बजे उसने शव को सरूरनगर के बंगारू मैसम्मा मंदिर के पास मैनहोल में फेंक दिया।
दुर्गंध को रोकने का प्रयास किया
अगले ही दिन उसने उस मैनहोल को लाल मिट्टी से ढक दिया क्योंकि चारों ओर दुर्गंध फैलने लगी थी। लेकिन जब दुर्गंध नहीं रुकी तो उन्होंने 7 जून को मैनहोल को कंक्रीट से ढक दिया। साईं कृष्ण ने यह भी बताया कि उन्होंने अप्सरा का चेहरा इस तरह से विकृत कर दिया था कि अगर किसी को शव मिल भी जाए तो उसकी पहचान नहीं हो सकती।