Cervical Cancer Symptoms | Risk Factors for Cervical Cancer | ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) एक खतरनाक वायरस है जो सेक्स से फैलता है। यह वायरस पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन संचारित संक्रमण (STI) का कारण बनता है।
हालांकि, इससे सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित होती हैं, क्योंकि यह बच्चेदानी के मुंह के कैंसर यानी सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है।
एचपीवी वायरस कैसे फैलता है और इससे कैसे बचा जा सकता है, यह जानना बहुत जरूरी है। इसके (HPV Symptoms) लक्षण जल्दी पकड़ में नहीं आते। लेकिन अगर आप इनके संकेतों से वाकिफ हैं, तो आप इसे समय रहते पकड़ सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC-WHO) के अनुसार अकेले देश में हर साल 1.23 लाख सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं और इससे 67 हजार महिलाओं की मौत होती है। यह देश में दूसरा सबसे आम कैंसर है।
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
यह कैंसर तब होता है जब गर्भाशय ग्रीवा यानी महिलाओं के गर्भाशय के मुंह पर कोशिकाएं असामान्य रूप से जमा होने लगती हैं। इसका मुख्य कारण शारीरिक संबंध है।
अधिकांश मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के विभिन्न प्रकारों के कारण होते हैं। 35 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में इस कैंसर का खतरा अधिक होता है।
सर्वाइकल कैंसर के विकसित होने में आमतौर पर 10-15 साल लगते हैं। 35 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए इसके लक्षणों पर नजर रखना बेहद जरूरी है।
इन महिलाओं को है ज्यादा खतरा
- जिन महिलाओं के एक से अधिक पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध होते हैं।
- जिनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर होती है।
- बहुत लंबे समय तक या लगातार पांच साल तक गर्भनिरोधक का उपयोग करना।
- सिगरेट और शराब की आदी महिलाओं में।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
अगर शारीरिक संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग आती है, या ब्लीडिंग सामान्य से ज्यादा हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर शरीर के कुछ हिस्सों जैसे जांघों, हाथों, पैरों और जननांगों में मस्से होने लगते हैं।
यह बाद में जाने से कैंसर का खतरा भी पैदा कर सकता है। वहीं अगर आपको हमेशा कमजोरी महसूस हो रही है तो भी डॉक्टर को दिखाएं।
इस टेस्ट से पता चलेगा सर्वाइकल कैंसर
पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार 25 से 65 वर्ष की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की जांच करवानी चाहिए। महिलाओं को यह टेस्ट हर 5 साल या हर 3 साल में करवाना चाहिए।
क्या होगा वैक्सीन का असर
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, एचपीवी वैक्सीन का 3 साल तक अध्ययन किया गया, जिसमें यह 95.8% प्रभावी साबित हुआ।
यह टीका महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर और वुल्वर कैंसर से बचाने में 100% कारगर है। हाल ही में केंद्र सरकार के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) ने मिलकर इस वैक्सीन को बनाया है और जल्द ही बाजार में इसकी बिक्री शुरू होगी।
अस्वीकरण: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करना और जागरूकता के लिये है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने फैमिली डॉक्टर से सलाह लें।